- (छत्तीसगढ़ से प्रभात दास की रिपोर्ट)
- चरचा कोरिया छत्तीसगढ़, नगर पालिका शिवपुर चरचा स्थित आदि संस्कृति विकास समिति के तत्वावधान में आयोजित परंपरागत करमा पर्व महोत्सव का भव्य आयोजन श्रमवीर स्टेडियम में मुख्य अतिथि बैकुंठपुर विधायक छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व श्रम मंत्री भैया लाल राजवाड़े, पूर्व केंद्र राज्य मंत्री वर्तमान में भरतपुर सोनहत विधायक रेणुका चौधरी, नगर पंचायत उपाध्यक्ष वंदना विजय राजवाड़े, नगर पालिका अध्यक्ष अरुण जायसवाल, उपाध्यक्ष राजेश सिंह, भाजपा मंडल अध्यक्ष दीपा विश्वकर्मा, मुख्य महा प्रबंधक बैकुंठपुर क्षेत्र,बी,एन, झा, अतिथि में कार्यक्रम का आयोजन किया गया,विधि-विधान व हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। यह पर्व छत्तीसगढ़ की समृद्ध परंपरा व संस्कृति का प्रतीक है, जिसे हर वर्ष समाज में सुख-शांति, समृद्धि और अच्छे फसल की कामना के साथ मनाया जाता है। संध्या 6:00 बजे करामदार की पूजा बेग द्वारा कर्म क्यों बनाया जाता है उसे पर प्रकाश डालें, कार्यक्रम में कई रात भर यह कार्यक्रम चला रहा हजारों की संख्या में भेद कोरिया जिला से लेकर के सरगुजा संभाग के सभी जिलों से महिलाएं पुरुष बच्चे इस कार्यक्रम में शामिल हुए,परंपरागत उत्सव के समापन के अवसर पर शनिवार की सुबह 7 बजे श्रमवीर स्टेडियम से करम डार की विसर्जन यात्रा का विधिवत आयोजन किया गया। इस विसर्जन यात्रा में चरचा क्षेत्र के हजारों महिला-पुरुष, बालिकाएं एवं व्रती उत्साहपूर्वक शामिल हुए। सभी लोग कर्मा नृत्य की मधुर थाप पर झूमते-गाते, नाचते हुए अपने धार्मिक व सांस्कृतिक भाव को व्यक्त कर रहे थे। यात्रा का यह दृश्य अत्यंत मनमोहक और अनुकरणीय रहा, जिसने समाज के प्रत्येक वर्ग का ध्यान आकर्षित किया।विसर्जन यात्रा श्रमवीर स्टेडियम से प्रारंभ होकर मुख्य सड़क होते हुएछठ घाट तक पहुँची। यात्रा के प्रत्येक पड़ाव पर उत्साही लोग अपनी श्रद्धा के साथ रुककर गीत, नृत्य व भजन प्रस्तुत करते रहे। विशेष रूप से करमा पर्व की पावनता को बनाए रखने हेतु स्थानीय बईगा द्वारा हर पड़ाव पर कर्मा देवता की कथा का वाचन भी किया गया।छठ घाट पहुँचने पर विधि-विधान से करम डार की पूजा अर्चना व हवन संपन्न हुआ। पूजा के दौरान उपस्थित व्रती महिलाओं ने अपने हाथों से सजाए ज्वार, फूले, दीप व अन्य आवश्यक सामग्री के साथ करम देवता की आराधना की। कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य के रूप में प्रकृति तत्वों धरती, जल, अग्नि, वायु व आकाश के संरक्षण की आवश्यकता पर विशेष ध्यान दिया गया।इस शुभ अवसर पर उपस्थित जनसमूह व अतिथियों ने करमा पर्व की परंपरा, सामाजिक सौहार्द, सामूहिक भाईचारे व पर्यावरण संरक्षण की भूमिका को रेखांकित किया। कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि करमा पर्व न केवल एक सांस्कृतिक अनुष्ठान है, बल्कि यह किसानों की आशा, कृषि आधारित जीवन शैली और समाज के प्रत्येक सदस्य के बीच प्रेम व सद्भाव का प्रतीक भी है।आयोजन में मुख्य अतिथियों के रूप में स्थानीय प्रशासन, समाजसेवी, शिक्षक व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिन्होंने कार्यक्रम की सफलता पर अपनी संतुष्टि व गर्व व्यक्त किया। सभी ने मिलकर करमा पर्व के महात्म्य को समझते हुए इसे आने वाली पीढ़ियों तक संरक्षित करने व उसका प्रचार-प्रसार करने का संकल्प लिया।इस तरह का भव्य आयोजन न केवल परंपरा का पालन करता है, बल्कि क्षेत्रीय संस्कृति को भी नई पहचान दिलाने में सहायक सिद्ध होता है। यह पर्व समाज में सौहार्द, विकास व प्राकृतिक तत्वों के संरक्षण की भावना को जागृत करता है और समृद्ध भविष्य की दिशा में प्रेरणा प्रदान करता है कार्यक्रम में मंच का संचालन हीरालाल कुरे, ने किया कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए ऐसा पहली बार देखा गया इतना भीड़ हजारों की संख्या में महिला पुरुष बच्चे दूर दराज गांव से आकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएं करमा पर्व सामाजिकसहर
